शिकागो विश्वविद्यालय के रिचर्ड थेलर को इकोनॉमिक्स के लिए इस साल का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। उन्हें यह पुरस्कार व्यावहारिक अर्थशास्त्र पर उनके काम के लिए दिया गया। व्यावहारिक अर्थशास्त्र मनोविज्ञान का अध्ययन है। यह व्यक्ति और संस्थानों की आर्थिक निर्णय प्रक्रिया से जुड़ा है।
पुरस्कार की घोषणा करने वाली समिति ने 9 अक्टूबर 2017 को कहा कि थेलर को 'अर्थशास्त्र के मनोविज्ञान' पर अध्ययन के लिए 90 लाख क्रोनोर (11 लाख डॉलर) की राशि पुरस्कार के तौर पर दी जाएगी। नोबेल समिति ने कहा कि थेलर का काम दिखाता है कि कैसे मानवीय लक्षण बाजार के परिणामों और व्यक्तिगत निर्णयों को प्रभावित करते हैं।
अकादमी ने थेलर का परिचय देने वाले अपने प्रपत्र में कहा है कि 72-वर्षीय थेलर व्यवहारिक अर्थशास्त्र का अध्ययन करने वाले अग्रणी अर्थशास्त्री हैं। यह शोध का एक ऐसा क्षेत्र है जहां आर्थिक निर्णय निर्माण की प्रक्रिया के दौरान मनोवैज्ञानिक अनुसंधानों का अनुपालन करने का अध्ययन किया जाता है। इससे व्यक्तियों के आर्थिक निर्णय लेते समय सोच और व्यवहार का अधिक वास्तविक आकलन करने में मदद मिलती है।
अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार बाकी पुरस्कारों से थोड़ा अलग है क्योंकि इसकी रचना अल्फ्रेड नोबेल ने नहीं की थी। नोबेल ने अपनी वसीयत में केवल भौतिकी, रसायन, चिकित्सा, शांति और साहित्य के लिए ही नोबेल पुरस्कार देने की बात कही थी।
स्वीडन के सेंट्रल बैंक ने 1968 में अल्फ्रेड नोबेल की याद में अर्थशास्त्र के लिए पुरस्कारों की शुरूआत की। इसके लिए विजेता का चुनाव भी हर साल नोबेल कमेटी ही करती है।
👱🏾कौन हैं प्रोफेसर रिचर्ड?
थेलर शिकागो विश्वविद्यालय में बिहेवियरल साइंस और अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं। थेलर का जन्म न्यू जर्सी में हुआ था। उन्हें साल 1987 में केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी से बैचलर की डिग्री मिली।
इसके बाद वह रोशेस्टर यूनिवर्सिटी गए और यहां पर उन्हें साल 1970 में मास्टर डिग्री मिली और फिर साल 1974 में यहीं से उन्होंने अपनी पीएचडी की डिग्री हासिल की। इसके बाद साल 1995 में उन्होंने शिकागो विश्वविद्यालय के शिकागो बूथ स्कूल में बतौर प्रोफेसर अपनी सेवाएं देनी शुरू कीं।
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